मैत्रेय बुद्ध विहार
गाजियाबाद में भगवान बुद्ध जी के धम्म का अभ्यास हेतु एकमात्र स्थान
नमो बुद्धाय
Namo Buddhay !
यथापि पुप्फरासिम्हा, ययिरा मालागुणे बहू।
एवं जातेन मच्चेन, कत्तब्बं कुसलं बहु ॥
जैसे कोई व्यक्ति फुलों के ढेर से बहुत सी मालाएं बनाये, ऐसे ही उत्पन्न हुए प्राणी को बहुत सा कुशलकर्म (पुण्य) करना चाहिए।